भगवान गणेश को भाग्य का देवता भी कहा जाता है. इनकी विशेष रूप से बुधवार को पूजा की जाती है. गाज़ियाबाद के पटेल नगर स्थित गणेश मंदिर में इस दिन सुबह से शाम तक दर्शन के लिए भक्तो की भारी भीड़ उमड़ती है. यूं तो गणेश जी अपने चुलबुले स्वभाव के लिए जाने जाते है. लेकिन, गाजियाबाद के एक मंदिर में भगवान गणपति को गुस्सा आ गया था. गुस्से के पीछे की वजह थी गणेश जी का स्थानांतरण करना. जी, हां! मंदिर से जुड़ी एक खास मान्यता लोगों के बीच काफी प्रचलित है.

मंदिर के पुजारी रामनरेश शुक्ला बताते हैं कि भगवान गणेश यहां पर साक्षात विराजमान हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान गणेश की छोटी मूर्ति मंदिर के स्थापना के वक्त यहां पर लाई गई थी. लेकिन जब मंदिर को एक नई सिरे से बनाया जा रहा था और छोटी की जगह भगवान गणेश की बड़ी मूर्ति उस स्थान पर रखनी थी. तब इस छोटी मूर्ति को कोई हिला नहीं सका. 10-15 लोग मिलकर भी इस छोटी मूर्ति को इसके स्थान से टस से मस नहीं कर सके. ये भगवान गणपति की जिद थी और वो यहां से नहीं हिलना चाहते थे. बस फिर सभी ने माफी मांग के भगवान गणेश की छोटी मूर्ति के पीछे ही बड़ी मूर्ति को स्थापित कर दिया. मंदिर में सुबह श्रृंगार आरती फिर भोग आरती और फिर गणपति बप्पा की शयन आरती की जाती है . यहां पर विशेष रूप से छात्र भी पूजा करने आते हैं, जिनको पढ़ाई में बाधा आती है.

जिले में शुभ कार्यों की शुरुआत होती है इस मंदिर से
गाजियाबाद में किसी भी शुभ और मांगलिक कार्यों में या फिर किसी भी पूजा-पाठ की शुरुआत पटेल नगर गणेश भगवान जी के दरबार से ही होती है. मंदिर के पुजारी ने लोकल-18 को बताया कि यहां विशेष रूप से बुधवार को भगवान गणेश की पूजा की जाती है और व्रत भी रखा जाता है. बुधवार का व्रत रखने वाले लोगों के जीवन में धन -धान्य और व्यापार में भी कभी कमी नहीं आती है.

भक्त को समाज में मिलता है मान -सम्मान
मान्यताओं के मुताबिक, भगवान गणेश की पूजा का काफी महत्व होता है. चाहे शिक्षा की बाधा हो, नौकरी की परेशानी हो या फिर कोई रोग हो सभी में भगवान गणेश काफी मददगार रहते हैं. सामाजिक स्तर पर भगवान गणेश को मानने वाले लोगों को समाज में मान -सम्मान भी मिलता है. अगर आप भी भगवान गणेश के उपासक है या उनकी पूजा करना चाहते हैं, तो गाजियाबाद के पटेल नगर स्थित जिले के सबसे पहले गणेश मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं.

इस मंदिर को 50 वर्ष पहले पटेल नगर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा बनाया गया था. जहां रोजाना शाम को भगवान की पूजा होती है और प्रसाद वितरित किया जाता है.